Mohali Building Collapse: मोहाली बिल्डिंग ढहने से 2 की मौत, 17 घंटे बाद कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं

Mohali Building Collapse मोहाली बिल्डिंग ढहने से 2 की मौत, 17 घंटे बाद कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं

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Mohali Building Collapse: मोहाली बिल्डिंग ढहने से 2 की मौत, 17 घंटे बाद कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं

21 दिसंबर, 2024 को मोहाली जिले, पंजाब में एक दुखद घटना घटी, जब एक चार मंजिला इमारत अचानक ढह गई, जिससे दो लोगों की जान चली गई, जिनमें एक 20 वर्षीय महिला भी शामिल थी। इस घटना ने निर्माण कार्यों, सुरक्षा नियमों और क्या उचित कानूनी प्रोटोकॉल का पालन किया गया था, इन सवालों को खड़ा कर दिया है। 17 घंटे से अधिक समय से चल रहे बचाव अभियान ने पूरे देश का ध्यान खींचा है, जिसमें बचाव दल मलबे में फंसे हुए लोगों को ढूंढ़ने के लिए पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं।

यह घटना न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर देने वाली है, बल्कि पूरे देश में चिंता का कारण बन गई है। आइए, हम इस हादसे, बचाव कार्यों और इसके आसपास की जांचों पर विस्तार से चर्चा करें।

मोहाली बिल्डिंग ढहने में क्या हुआ था?

21 दिसंबर, 2024 की शाम, मोहाली के सोहाना क्षेत्र में स्थित एक चार मंजिला इमारत अचानक ढह गई। इस हादसे में दो लोग मारे गए और कई लोग घायल हो गए। राहत कार्यों के लिए भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को बुलाया गया और उन्होंने अत्यधिक मेहनत के साथ बचाव कार्य शुरू किया।

पीड़ित: दृष्टि वर्मा और अभिषेक

हादसे में मारे गए दो लोगों में एक 20 वर्षीय महिला दृष्टि वर्मा थीं, जो हिमाचल प्रदेश के थियोग से थीं। उन्हें मलबे से गंभीर हालत में निकाला गया था और सोहाना अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। अगली सुबह, अभिषेक नामक व्यक्ति का शव मलबे से निकाला गया। वह हरियाणा के अंबाला का निवासी था। कई अन्य लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं और अधिकारी उनकी तलाश में लगे हुए हैं।

स्थानीय समुदाय पर असर

इस त्रासदी ने स्थानीय समुदाय को सदमे में डाल दिया है। कई स्थानीय निवासी अभी भी इस हादसे से हैरान हैं और वे फंसे हुए लोगों के बारे में और जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। समुदाय एकजुट हो कर प्रभावितों को सहारा देने के लिए प्रार्थना कर रहा है।

मोहाली बिल्डिंग ढहने पर अधिकारियों की प्रतिक्रिया

बचाव कार्य: समय के खिलाफ एक दौड़

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय पुलिस द्वारा बचाव कार्य तेजी से किया गया। बचाव दल रात भर काम करते रहे, मलबे को हटाने और फंसे हुए लोगों को ढूंढने में। फिलहाल, करीब 60% मलबा हटा लिया गया है, लेकिन बचाव कार्य अभी भी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि मलबा अस्थिर है।

सरकारी प्रतिक्रिया: निगरानी और कार्रवाई

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घटना की गंभीरता को समझते हुए स्थिति की निगरानी की। उन्होंने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। “हम प्रार्थना करते हैं कि आगे कोई जानमाल का नुकसान न हो, और हम दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे,” मान ने कहा।

मोहाली बिल्डिंग ढहने की जांच: क्या गलत हुआ?

बिल्डिंग मालिकों पर आरोप

पुलिस जांच में पता चला कि बिल्डिंग के मालिक, परविंदर सिंह और गगनदीप सिंह ने बिना अनुमति के बगल की ज़मीन पर खुदाई का काम शुरू कर दिया था। यह अनधिकृत खुदाई बिल्डिंग की संरचना को कमजोर कर सकती थी, जिससे ढहने की घटना हुई। पुलिस ने बिल्डिंग मालिकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 105 के तहत मामला दर्ज किया है, जो गैर-इरादतन हत्या से संबंधित है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 105 क्या है?

भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 105 गैर-इरादतन हत्या के मामलों से संबंधित है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की लापरवाही या लापरवाह व्यवहार के कारण किसी अन्य की मृत्यु हो जाती है, लेकिन यह हत्या नहीं मानी जाती।

मोहाली बिल्डिंग ढहने से क्या सीखा जा सकता है?

निर्माण सुरक्षा मानकों को मजबूत करना

इस घटना ने निर्माण सुरक्षा के मानकों के महत्व को उजागर किया है। सही निरीक्षण, निर्माण दिशानिर्देशों का पालन करना, और यह सुनिश्चित करना कि खुदाई या निर्माण कार्यों को प्राधिकृत निगरानी में किया जाए, ऐसे हादसों को रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

स्थानीय अधिकारियों की भूमिका

स्थानीय अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है यह सुनिश्चित करने में कि निर्माण कार्य सुरक्षा नियमों का पालन करता है। कड़ी सजा और नियमित निरीक्षण से भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है।

क्या मोहाली बिल्डिंग ढहना रोका जा सकता था?

क्या कोई चेतावनी संकेत नजर आए थे?

स्थानीय निवासी दावा करते हैं कि उन्होंने इमारत की संरचना में दरारें देखी थीं। अगर समय रहते अधिकारियों ने ध्यान दिया होता, तो क्या यह हादसा टाला जा सकता था? यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि इन दरारों का ढहने में कोई भूमिका थी, लेकिन यह घटना निर्माण सुरक्षा के विषय में व्यापक चर्चा को जन्म देती है।

जवाबदेही की आवाजें

स्थानीय समुदाय और राष्ट्रीय मीडिया ने न्याय की मांग की है। यह मांग भी उठ रही है कि सरकार को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा नियमों की समीक्षा करनी चाहिए।

NDRF का बचाव कार्य में योगदान

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नवीनतम तकनीकी उपकरणों और अनुभवी कर्मियों से लैस, NDRF के दल ने रात भर मलबे के नीचे फंसे लोगों को ढूंढने में अथक प्रयास किया।

भारतीय सेना का योगदान

NDRF के साथ-साथ भारतीय सेना को भी बचाव कार्य में सहायता के लिए बुलाया गया था। उनकी भागीदारी से यह सुनिश्चित हुआ कि कार्य कुशलता से और सटीकता के साथ किया गया। सेना की इंजीनियरिंग टीम ने बड़े मलबे को हटाने और आसपास के इलाके को स्थिर करने में मदद की।

मोहाली बिल्डिंग ढहने से क्या सिखा जा सकता है?

निर्माण सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करना

इस त्रासदी से यह सबक लिया जा सकता है कि निर्माण कार्यों में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है। नियमित निरीक्षण, उचित कागजी कार्रवाई, और सार्वजनिक जागरूकता जैसे उपाय हादसों को रोकने में सहायक हो सकते हैं।

सरकार से क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

सरकार को इस घटना को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए और निर्माण नीतियों में सुधार करना चाहिए। कड़े निरीक्षण, सख्त सजा, और अधिक जागरूकता अभियानों के माध्यम से हम भविष्य में इस तरह के हादसों से बच सकते हैं।

मोहाली बिल्डिंग ढहने के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मोहाली बिल्डिंग ढहने का कारण क्या था?

बिल्डिंग के मालिकों द्वारा बिना अनुमति के खुदाई करने के कारण इमारत की संरचना कमजोर हो गई, जिससे ढहने का हादसा हुआ।

मोहाली बिल्डिंग ढहने में कितने लोग मारे गए?

इस घटना में दो लोगों की जान चली गई, जिनमें दृष्टि वर्मा और अभिषेक शामिल हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 105 क्या है?

यह धारा गैर-इरादतन हत्या से संबंधित है, जो लापरवाही या लापरवाह व्यवहार के कारण मौत का कारण बनती है।

बचाव कार्य कितने समय तक चला?

बचाव कार्य 17 घंटे से अधिक समय तक चला, जिसमें दल मलबे में फंसे लोगों को ढूंढ़ने में लगे रहे।

बिल्डिंग मालिकों के खिलाफ क्या कदम उठाए गए हैं?

बिल्डिंग मालिकों, परविंदर सिंह और गगनदीप सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 105 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए क्या किया जा सकता है?

निर्माण नियमों का कड़ाई से पालन, नियमित सुरक्षा निरीक्षण और सार्वजनिक जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है।

निष्कर्ष: जिम्मेदारी की ओर कदम

मोहाली बिल्डिंग ढहने की घटना एक कड़ी चेतावनी है कि निर्माण सुरक्षा के मानकों का पालन कितना महत्वपूर्ण है और जिम्मेदारी तय करना कितना जरूरी है। जैसे-जैसे बचाव दल अपनी कार्यवाही कर रहे हैं, अब ध्यान न्याय सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने की ओर बढ़ रहा है। इस घटना ने निर्माण नियमन में कड़े सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है।

इस दुर्घटना से हम सीख सकते हैं कि सुरक्षा नियमों के पालन से ही हम भविष्य में ऐसी घटनाओं से बच सकते हैं, जिससे सभी के लिए एक सुरक्षित और मजबूत भविष्य बने।

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