ज़ाकिर हुसैन: संगीत के महारथी और प्रेरणा स्रोत: मात्र 7 साल की उम्र में उन्होंने पहला संगीत कार्यक्रम दिया और 11 साल की उम्र में ही उनका संगीत दौरा शुरू हो गया था।
व्हाइट हाउस में पहले भारतीय संगीतकार: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा व्हाइट हाउस में आयोजित ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में आमंत्रित किया गया था
संगीत जगत में अपूरणीय क्षति: उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के निधन से भारतीय संगीत और संस्कृति को भारी क्षति हुई है।
अविस्मरणीय योगदान और प्रेरणा का स्रोत: उनकी तालों में न केवल संगीत की गहराई थी, बल्कि हर धुन में एक कहानी बसी होती थी।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा: उनके व्यक्तित्व की सरलता और संगीत की जटिलता का अद्भुत संतुलन उन्हें अन्य कलाकारों से अलग बनाता था।
संगीत जगत की प्रतिक्रिया: कई कलाकारों ने उन्हें "संगीत की आत्मा" और "तबले की धड़कन" कहकर श्रद्धांजलि दी।
सम्मान और उपलब्धियां: भारत सरकार ने उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
उनकी विरासत और स्मृति: उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का संगीत न केवल भारतीय परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि यह उस जज़्बे का उदाहरण भी है जो किसी कला को जीवन के हर पहलू से जोड़ता है।