मनमोहन सिंह का निधन : भारतीय राजनीति का एक अध्याय समाप्त
1. निधन की खबर:- पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ। उन्हें सांस लेने में कठिनाई के कारण दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
2. जीवन का परिचय:- डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के गाह गांव में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। उन्होंने अपनी शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
3. करियर की शुरुआत:- अपने करियर की शुरुआत उन्होंने आर्थिक मामलों में शोधकर्ता के रूप में की। 1971 में भारत सरकार में आर्थिक सलाहकार बने और बाद में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
4. आर्थिक उदारीकरण का जनक:- 1991 में, डॉ. मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने भारत को आर्थिक संकट से उबारने के लिए ऐतिहासिक सुधार किए, जिससे देश ने आर्थिक उदारीकरण की दिशा में कदम बढ़ाया।
5. प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल:- डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में कई सामाजिक योजनाएं और विकास कार्यक्रम लागू हुए, जिससे लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ।
6. स्वास्थ्य समस्याएं:- लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते रहे डॉ. सिंह ने 2006 में बाईपास सर्जरी करवाई थी। उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
7. अंतिम क्षण:- उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
8. व्यक्तिगत जीवन:- डॉ. मनमोहन सिंह एक सादगीपूर्ण जीवन जीते थे। उनकी पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियां हैं। वे साहित्य, संगीत और अध्यात्म में रुचि रखते थे।
9. विरासत:- डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए अमिट रहेगा। उनके निधन ने भारतीय राजनीति को एक अपूरणीय क्षति दी है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।