BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) की परीक्षा विवाद: छात्रों का प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई

BPSC: बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Lok Seva Aayog) के हालिया घटनाक्रमों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हम आपको बिहार में छात्रों के विरोध प्रदर्शन और परीक्षा संबंधी मुद्दों की विस्तृत जानकारी प्रदान करने की कोशिश कर रहें हैं।
बिहार लोक सेवा आयोग का वर्तमान संकट
BPSC (Bihar Public Service Commission) 70वीं संयुक्त परीक्षा 2024 में पेपर लीक के आरोपों के चलते छात्रों ने पिछले 12 दिनों से पटना में विरोध प्रदर्शन किया है। छात्रों की मुख्य मांग है कि 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द किया जाए। इस परीक्षा का आयोजन 13 दिसंबर 2024 को किया गया था, जिसमें एक परीक्षा केंद्र पर हंगामा होने के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद से छात्रों ने अपनी आवाज उठाना शुरू किया है, जिसमें प्रमुख राजनीतिक नेता भी शामिल हो गए हैं।
छात्रों का प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी छात्रों ने मुख्यमंत्री आवास के पास पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल के खिलाफ आवाज उठाई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव जैसे नेताओं ने भी इस मुद्दे पर समर्थन जताया है। किशोर ने कहा, “यह लड़ाई लंबे समय तक चलानी होगी और इसे अंजाम तक पहुंचाना होगा”।
BPSC की स्थिति
बिहार लोक सेवा आयोग ने स्पष्ट किया है कि वह परीक्षा को रद्द करने पर विचार नहीं कर रहा है। आयोग के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि “आयोग तथ्यहीन और भ्रामक आरोपों के आधार पर किसी भी केंद्र की पुनर्परीक्षा कराने का निर्णय नहीं लेता”।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
विरोध प्रदर्शन ने राजनीतिक रंग ले लिया है, जिसमें विभिन्न दलों ने छात्रों का समर्थन किया है। पूर्णियां से निर्दलीय सांसद ने भी छात्रों के समर्थन में बयान दिया है, जिससे यह मामला और अधिक जटिल हो गया है।
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— ABP News (@ABPNews) December 30, 2024
BPSC के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन क्यों शुरू हुआ
बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन हाल ही में कई कारणों से शुरू हुआ है, जो मुख्य रूप से परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक के आरोपों से संबंधित हैं।प्रदर्शन की मुख्य वजहें:
1. पेपर लीक का आरोप: 13 दिसंबर 2024 को आयोजित 70वीं संयुक्त परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का आरोप लगाया। छात्रों ने कहा कि उन्हें जो प्रश्न पत्र मिले थे, उनका बंडल पहले से ही खुला था, जिससे पेपर लीक की आशंका बढ़ गई।
2. नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध: परीक्षा से पहले नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर भी विवाद उत्पन्न हुआ था। छात्रों ने इस प्रक्रिया का विरोध किया था और इसे परीक्षा में असमानता का कारण बताया। हालांकि, बीपीएससी ने स्पष्ट किया कि नॉर्मलाइजेशन इस परीक्षा में लागू नहीं किया गया है।
3. पुलिस कार्रवाई: प्रदर्शन के दौरान जब छात्रों ने सड़कों को जाम किया, तो पुलिस को लाठीचार्ज और वाटर कैनन का सहारा लेना पड़ा। इस कार्रवाई में कई छात्रों को चोटें आईं, जिससे प्रदर्शन और उग्र हो गया।
4. पुनः परीक्षा की मांग: अभ्यर्थियों ने पूरी परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित करने की मांग की है। बीपीएससी ने केवल एक केंद्र की परीक्षा को रद्द किया है, जबकि छात्रों की मांग है कि सभी केंद्रों पर पुनः परीक्षा होनी चाहिए।
5. राजनीतिक समर्थन: इस आंदोलन में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी भाग लिया है। जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव जैसे नेताओं ने छात्रों का समर्थन किया है, जिससे यह मामला राजनीतिक रंग ले चुका है।
इस प्रकार, बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन एक गंभीर मुद्दा बन चुका है, जिसमें परीक्षा की पारदर्शिता और न्याय के लिए उनकी आवाज उठ रही है।
पुलिस के लाठीचार्ज के बाद क्या हुआ
पुलिस के लाठीचार्ज के बाद बिहार में BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन और भी उग्र हो गया। 29 दिसंबर 2024 को पटना में गांधी मैदान से मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस घटना में कई छात्र घायल हुए और कुछ को हिरासत में भी लिया गया।
लाठीचार्ज के बाद की स्थिति
1. घायल छात्रों की संख्या: लाठीचार्ज के दौरान कई छात्रों को चोटें आईं। एक छात्र ने बताया कि उसकी बहन को भी पुलिस वैन में बंद कर दिया गया, जबकि वहां कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी।
2. प्रशांत किशोर का बयान: जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने कहा कि वह लाठीचार्ज से पहले वहां से निकल गए थे और यह आरोप लगाया कि लाठीचार्ज उनके जाने के 45 मिनट बाद हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखी थीं।
3. पुलिस का स्पष्टीकरण: पुलिस ने लाठीचार्ज की बात से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने केवल छात्रों को हटाने के लिए बल प्रयोग किया था। एसपी सिटी स्वीटी सहरावत ने कहा कि “लाठीचार्ज नहीं हुआ, हमने केवल वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया”।
4. राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ: इस घटनाक्रम ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है, जिसमें विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस पार्टी ने भी सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा की है।
5. आगे की रणनीति: छात्रों ने आगे के कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जिसमें चक्का जाम का आह्वान शामिल है। वे अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं और प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया है।
इस प्रकार, बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई ने बिहार में एक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है, जिसमें छात्र अपनी भविष्य की सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
पुलिस के लाठीचार्ज के बाद क्या कार्रवाई की गई
पुलिस के लाठीचार्ज के बाद बिहार में BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) के अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं।
कार्रवाई के बाद की स्थिति
1. घायल छात्रों की संख्या: लाठीचार्ज के दौरान कई छात्र घायल हुए, और कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रदर्शनकारियों ने इस घटना को जलियांवाला बाग कांड से तुलना की, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई।
2. राजनीतिक समर्थन: विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने छात्रों के समर्थन में बयान दिए। जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सहित कई अन्य नेता प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े हुए।
3. पुलिस का स्पष्टीकरण: पुलिस ने लाठीचार्ज की बात से इनकार किया और कहा कि उन्होंने केवल छात्रों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। पटना की पुलिस ने यह भी कहा कि उन्होंने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था, लेकिन लाठीचार्ज नहीं किया।
4. आगे की रणनीति: प्रदर्शनकारी छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर आगे की रणनीति बनाई है, जिसमें चक्का जाम और अन्य विरोध प्रदर्शन शामिल हैं। वे अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं और आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया है।
5. समर्थन की आवाजें: चिराग पासवान जैसे नेताओं ने भी पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और कहा कि इस मामले में उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
इस प्रकार, बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन और पुलिस की प्रतिक्रिया ने बिहार में एक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है, जिसमें छात्र अपनी भविष्य की सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
निष्कर्ष
बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा और उसके बाद हुए विरोध प्रदर्शनों ने राज्य में एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और उनकी मांगें सुनने के लिए विभिन्न राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। इस स्थिति में आगे क्या होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि छात्र अब भी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर डटे हुए हैं।इस प्रकार, BPSC की घटनाएँ न केवल छात्रों के लिए बल्कि पूरे बिहार राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई हैं।
FAQs on बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC)
1. बीपीएससी 70वीं संयुक्त परीक्षा 2024 का विवाद क्या है?
बीपीएससी 70वीं संयुक्त परीक्षा 2024 में पेपर लीक के आरोपों के चलते अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन शुरू किया है। छात्र पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जबकि आयोग ने केवल एक परीक्षा केंद्र की परीक्षा को रद्द किया है और अन्य केंद्रों पर परीक्षा को वैध बताया है
2. छात्रों का प्रदर्शन कब से चल रहा है?
बीपीएससी के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन 13 दिसंबर 2024 से शुरू हुआ है, जब परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके बाद से छात्र लगातार अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं।
3. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज क्यों किया?
जब छात्र मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और कई छात्र घायल हुए।
4. बीपीएससी ने छात्रों की मांगों पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
बीपीएससी ने स्पष्ट किया है कि वे पूरी परीक्षा को रद्द नहीं करेंगे। आयोग का कहना है कि केवल एक केंद्र पर हुई गड़बड़ी के आधार पर सभी केंद्रों की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय नहीं लिया जा सकता।
5. क्या बीपीएससी परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी?
बीपीएससी ने केवल पटना के बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा को रद्द कर दिया है और इसे 4 जनवरी 2025 को पुनः आयोजित करने का निर्णय लिया है। अन्य केंद्रों की परीक्षाओं को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
6. इस आंदोलन में कौन-कौन से राजनीतिक दल शामिल हैं?
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी दलों ने छात्रों के समर्थन में बयान दिए हैं और आंदोलन में शामिल हुए हैं।
7. छात्रों ने आगे क्या कदम उठाने की योजना बनाई है?
छात्रों ने बिहार बंद का आह्वान किया है और वे अपनी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है। वे अपने भविष्य के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
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