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Baby John Movie Review बेबी जॉन मूवी रिव्यू: थेरी का रीमेक, कोई मास अपील नहीं – 2 स्टार्स

Baby John Movie Review बेबी जॉन मूवी रिव्यू

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Baby John Movie Review बेबी जॉन मूवी रिव्यू: थेरी का रीमेक, कोई मास अपील नहीं – 2 स्टार्स

जब बॉलीवुड क्षेत्रीय सिनेमा से प्रेरणा लेता है, तो परिणाम या तो शानदार हो सकते हैं या पूरी तरह से निराशाजनक। बेबी जॉन, तमिल ब्लॉकबस्टर थेरी का रीमेक, दूसरे श्रेणी में आता है। कलीस द्वारा निर्देशित और वरुण धवन अभिनीत, यह एक्शन-ड्रामा अपने पूर्ववर्ती की आकर्षण को पुनः बनाने का प्रयास करता है, लेकिन एक फीकी नकल बनकर रह जाता है। चलिए इस सिनेमाई प्रयास में गलतियों को समझते हैं।


बेबी जॉन मूवी रिव्यू (Baby John Movie Review): एक चूकी हुई कोशिश

बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन का एक्शन में खुद को साबित करने का प्रयास बेबी जॉन में अधूरा रह जाता है। यह फिल्म क्लिच, बिखरे हुए कथानक, और कमजोर प्रदर्शन से भरी हुई है, जो कमजोर पटकथा को ऊंचा उठाने में असफल हैं।

कमजोर नींव

फिल्म की कहानी एक मनोरोगी विलेन, एक न्यायप्रिय सुपरकॉप, और एक तेजस्वी बच्चे के इर्द-गिर्द घूमती है। दुर्भाग्य से, कहानी में मौलिकता की कमी है, जो थेरी से बहुत कुछ उधार लेती है और कोई नया दृष्टिकोण नहीं जोड़ती। मुख्य कथा पुरानी महसूस होती है, जिसमें पुराने ट्रॉप्स और प्रेरणाहीन कहानी सुनाई देती है।


चरित्र विश्लेषण: बेबी जॉन के मुख्य पात्र

वरुण धवन डीसीपी सत्य वर्मा के रूप में

सुपरकॉप की भूमिका में धवन का प्रदर्शन उस गंभीरता से रहित है जो भूमिका की आवश्यकता है। उनकी मेहनत के बावजूद, उनका आकर्षण कठोर और अजेय किरदार की आड़ में दबा हुआ महसूस होता है।

राजपाल यादव एक पुलिस वाले के रूप में

अपनी कॉमिक भूमिकाओं के लिए मशहूर, यादव का गंभीर अवतार फिल्म में एक अनोखा पहलू जोड़ता है। हालांकि, उनका प्रदर्शन फिल्म के समग्र स्वर के साथ मेल नहीं खाता।

कीर्ति सुरेश मीरा के रूप में

अपने बॉलीवुड डेब्यू में, कीर्ति सुरेश का किरदार क्लिच्ड रिलेशनल डायनामिक्स तक सीमित है। उनके चरित्र की गहराई की कमी उनकी प्रतिभा को कमजोर करती है।


अच्छा और बुरा

क्या काम करता है?

क्या काम नहीं करता?


बेबी जॉन मूवी रिव्यू (Baby John Movie Review) : थेरी का रीमेक, कोई मास अपील नहीं – 2 स्टार्स

थेरी के इस बॉलीवुड रूपांतरण की तुलना इसके तमिल समकक्ष से नहीं की जा सकती। दो घंटे से अधिक की अवधि वाली यह फिल्म एक सहनशक्ति की परीक्षा जैसी लगती है। यह स्टाइल पर अधिक और विषय-वस्तु पर कम ध्यान देने का क्लासिक उदाहरण है, जिसमें चमकदार दृश्यों ने कथा की कमजोरियों को ढकने में असमर्थता दिखाई है।


बेबी जॉन मूवी रिव्यू पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. क्या बेबी जॉन देखने लायक है?

अगर आप वरुण धवन के प्रशंसक हैं या एक्शन-ड्रामा पसंद करते हैं, तो इसे एक बार देख सकते हैं। हालांकि, एक बेहतरीन सिनेमाई अनुभव की उम्मीद न करें।

2. बेबी जॉन की तुलना थेरी से कैसी है?

थेरी में मास अपील और मौलिकता थी। बेबी जॉन एक हल्का संस्करण लगता है जिसमें कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं है।

3. बेबी जॉन का रनटाइम कितना है?

फिल्म लगभग दो घंटे और चालीस मिनट लंबी है।

4. क्या कीर्ति सुरेश का बॉलीवुड डेब्यू प्रभावशाली है?

सुरेश का प्रदर्शन ठीक है, लेकिन उनका खराब लिखा हुआ किरदार उनकी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं करता।

5. बेबी जॉन का निर्देशन किसने किया है?

फिल्म का निर्देशन कलीस ने किया है, जिसमें थेरी के मूल निर्देशक एटली निर्माता के रूप में शामिल हैं।

6. फिल्म का मुख्य विषय क्या है?

यह फिल्म न्याय, पितृत्व, और बदले की भावनाओं को खोजने का प्रयास करती है, लेकिन उन्हें प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में असफल रहती है।


निष्कर्ष

बेबी जॉन उच्च-ऑक्टेन एक्शन को भावनात्मक गहराई के साथ मिश्रित करने का प्रयास करता है, लेकिन दोनों मोर्चों पर चूक जाता है। जबकि इसमें एक शानदार कास्ट है, मौलिकता और कमजोर कहानी के अभाव में इसकी क्षमता कम हो जाती है। थेरी के प्रशंसकों के लिए, यह रीमेक शायद निराशाजनक होगा। बाकी सबके लिए, यह एक भूलने योग्य बॉलीवुड फिल्म है।

आखिर में, बेबी जॉन यह याद दिलाता है कि एक रीमेक के लिए सिर्फ स्टार कास्ट और चमकदार दृश्य पर्याप्त नहीं हैं—इसके लिए दिल और रचनात्मकता की भी जरूरत होती है। दुर्भाग्यवश, इस फिल्म में दोनों की कमी है।

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Baby John: बॉलीवुड फिल्म ‘बेबी जॉन’ का रिव्यू: थेरी का रीहैश, कोई मास अपील नहीं – 2 स्टार

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